HTML क्या है?
इस दुनिया में हर इंसान को पैसे कमाने का जरिया चाहिए होता है ताकि वो अपने खुदकी जरूरतों को पूरा कर सके अपने सपने को पूरा कर सके. अलग-अलग व्यक्ति अलग-अलग तरह का काम करते हैं जैसे कोई अपना खुद का बिज़नस करता है तो कोई किसी कंपनी के अन्दर काम करता है. काम चाहे बड़ा हो या छोटा हो इंसान को मेहनत हर काम में करना पड़ता है तभी जा कर वो अपनी जीवन में सफल हो सकता है. ठीक उसी तरह एक ब्लॉगर भी Internet के जरिये मेहनत कर पैसे कमाता है.
जिस तरह बाकि कामो में मेहनत और लगन की जरुरत होती है ठीक उसी तरह blogging करने के लिए भी खूब मेहनत करनी होती है. Blogging करने के लिए एक व्यक्ति को ज्यादा कुछ नहीं चाहिए बस एक computer या laptop होना चाहिए और उसमे internet कनेक्शन होना चाहिए।
और जो सबसे जरुरी चीज़ होनी चाहिए blogging करने के लिए वो है “ज्ञान”. Blogging की शुरुआत करने के लिए सबसे अहम चीज़ होती अपना खुद का एक website बनाना. और website बनाने के लिए क्या चाहिए? HTML के पूरी तरह से ज्ञान होना चाहिए. Blogging की दुनिया में सफलता चाहिए तो एक ब्लॉगर को HTML का ज्ञान होना बहुत जरुरी है.
लेकिन सबको html की पूरी तरह से ज्ञान नहीं होती, और जो अपना career blogging में शुरू करना चाहते हैं और एक सफल ब्लॉगर बनना चाहते हैं उनको इस ज्ञान का होना बहुत ही अवश्यक है. आज इस लेख मै आपको यही बताने वाली हूँ की HTML में विशेषता क्या है? और इसे webpage या website बनाने के लिए ही बनाया गया है।
HTML क्या है? What is HTML in hindi?
चलिए अब जान लेते है के HTML क्या होता है? Hypertext Markup Language को हम छोटे नाम से कहते हैं HTML. HTML एक computer की भाषा है जिसका इस्तेमाल website बनाने में किया जाता है. और उसे रंग रूप देने के लिए CSS का इस्तिमाल होता है।
ये भाषा computer की अन्य भाषा जैसे C, C++, JAVA आदि के मुकाबले बहुत ही सरल है, इसका इस्तेमाल करना कोई भी व्यक्ति आसानी से और बहुत कम समय में सिख सकता है.
HTML की मदद से website बन जाने के बाद उस website को दुनिया का कोई भी व्यक्ति internet के जरिये देख सकता है. HTML की खोज Physicist Tim Berners-Lee ने सन 1980 में Geneva में किया था. HTML एक platform-independent language है जिसका इस्तेमाल किसी भी platform में किया जा सकता है जैसे Windows, Linux, Macintosh इत्यादि।
HTML Full Form in Hindi
HTML की Full Form या पूरा नाम Hypertext Markup Language होता हैं. जिसमें प्रत्येक शब्द का अलग-अलग मतलब होता हैं. आइए अब प्रत्येक शब्द का अर्थ जानते हैं. और समझते है कि HTML को Markup Language क्यों कहा जाता हैं?
Hypertext
हाइपरटेक्स्ट वह तरीका है जिसके द्वारा वेब को Explore किया जाता है. यह एक साधारण टेक्स्ट ही होता है. लेकिन, Hypertext अपने साथ किसी अन्य टेक्स्ट को जोड़े रखता है. जिसे माउस क्लिक, टैप से या कुंजि दबाकर सक्रिय किया जाता है.
इसकी यही विशेषता इसे साधारण टेक्स्ट से अलग करती है. हाइपरटेक्स्ट को हाइपरलिंक कहते है.
HTML के Anchor (< a >) Tags के द्वारा किसी भी टेक्स्ट को हाइपरलिंक बनाया जा सकता है। इसके अलावा, इमेज्स, वीडियो, साउण्ड आदि को भी हाइपरलिंक बनाया जा सकता है। इस प्रकार का लिंक डेटा Hypermedia कहलाता है.
Hypertext की एक और विशेषता होती है कि यह रेखीय (linear) नही होता है अर्थात हाइपरटेक्स्ट को किसी भी क्रम में सक्रिय किया जा सकता है।
Markup
HTML वेब डॉक्युमेंट बनाने के लिए “HTML Tags” का उपयोग करती है. प्रत्येक HTML Tag अपने बीच आने वाले टेक्स्ट को किसी प्रकार में परिभाषित करता है। इसे ही Markup कहते है। “<i>” एक HTML Tag है जो अपने बीच आने वाले टेक्स्ट को तिरछा (italic) करता है।
इसे एक उदाहरण से समझते है।
हम एक शब्द लेते है, ‘TutorialPandit’ जिसे साधारण लिखा गया है। जो हमें आम टेक्स्ट की तरह ही सीधा “TutorialPandit” दिखाई दे रहा है। अब हम इसे HTML के द्वारा Markup करते है। और Markup मे हम इसे तिरछा करते है। जब TutorialPandit को इन दोनो चिन्हों <i> </i> के बीच इस तरह <i>TutorialPandit</i> लिखा जायगा तो यह शब्द इस तरह तिरछा “TutorialPandit” दिखाई देगा। अर्थात इसे तिरछा (italic) Markup किया गया है।
इस पूरी प्रक्रिया को ही मार्क अप करना कहता है. और वेब पर मौजूद सभी वेब डॉक्युमेंट इसी तरह फॉर्मेट किए जाते हैं।
Language
HTML एक भाषा है। क्योंकि यह वेब डॉक्युमेंट बनाने के लिए code-words का इस्तेमाल करती है। जिन्हें Tags कहते है। और इन Tags को लिखने के लिए HTML का syntax भी है। इसलिए यह एक भाषा भी है। नीचे HTML का Syntax दिखाया गया है
इसके तीन मुख्य भाग होते है। जो क्रमश: Element, Tags और Text है।
HTML
यह संस्करण SGML –Standard Generalized Markup Language का रूप था। HTML प्राथमिक संस्करण है।
इसके द्वारा टेक्स्ट को Structure किया जा सकता था. इसके लिए कुछ Tags का निर्माण किया गया था और इस संस्करण का कोई नाम नही था इसे सिर्फ HTML कहा गया। लेकिन HTML के अगले संस्करणो के नाम थे. इसलिए सुविधा के लिए इस संस्करण को HTML 1.0 भी कहा जाता है।
जो HTML Tags इस समय उपयोग में लिये जाते थे, कुछ Tags आज भी मौजूद है. जो हम HTML पर कार्य करते समय काम में लेते है।
👉HTML 2.0
HTML के प्राथमिक संस्करण के बाद एक समूह IETF – Internet Engineering Task Force द्वारा HTML के अगले संस्करण का नामकरण किया गया। यह HTML 2.0 संस्करण कहलाया जिसे 1995 में प्रकाशित किया गया था।
इस संस्करण में कुछ नयी विशेषताएँ जोड़ी गई जिसमें ‘Image Tag‘ सबसे महत्वपूर्ण था। लेकिन अभी Internet ज्यादा लोकप्रिय नही हुआ था।
👉HTML 3.0
इस समय तक HTML और इंटरनेट अपनी छाप छोड चुके थे और दोनो लोकप्रिय होने लगे थे। अब पहल से ज्यादा लोग इससे जुड चुके थे। अधिक से अधिक लोग HTML सीखना चाहते थे और Internet से जुडना भी चाहते थे।
इसलिए HTML के अधिक उपयोग के कारण इसमे कुछ उलझने पैदा हो गई थी। जो Standard इसमें तय किया था लोग उसमें परिवर्तन करने लगे थे। जिससे इसकी एकरूपता समाप्त होने लगी थी। इसलिए HTML का अगला संस्करण तैयार किया गया जो HTML 3.0 था। लेकिन इसे कभी भी प्रकाशित नही किया गया।
👉HTML 3.2
HTML 1.0 के प्रकाशन और HTML 3.0 की सिफारिश तक एक संगठन का उद्भव हो चुका था, जो HTML भाषा के लिए कार्य करने के लिए बना है। इसे W3C – World Wide Web Consortium के नाम से जाना जाता है।
W3C के द्वारा 1997 में HTML 3.0 की सिफारिशों के साथ HTML का अगला संस्करण HTML 3.2 का प्रकाशन किया गया। इसमें HTML के दोनों संस्करणों से ज्यादा विशेषता थी।
HTML 3.2 के द्वारा अब HTML Document को और अधिक तरीके से बनाया जा सकता था. इस संस्करण में कई नये ‘Attribute’ को जोडा गया जो डॉक्युमेंट के structure से ज्यादा उसकि ‘style’ के लिए थे. लेकिन, इस समय तक HTML को पढ़ने वाले यानि ‘ Browsers ‘ बहुत धीमें थे. ये अभी भी HTML 3.2 के सभी विशेषताओं को सपोर्ट नही करते थे।
👉HTML 4.0
अब Internet काफि लोकप्रिय हो चुका था। अधिक से अधिक लोग HTML सीखना चाहते थे। और जो पहले से ही इससे जुड़े थे। वे HTML से ज्यादा चाहने लगे। इसलिए इस रिक्त स्थान को भरने करने के लिए HTML का अगला संस्करण HTML 4.0 का प्रकाशन किया गया।
और अब तक ‘Style Sheet’ भी अपना स्थान बनाने लगी थी। इसलिए इस संस्करण में कुछ और विशेषताएं जैसे; frame, script, stylesheet आदि को जोडा गया। और इसे पढने वाले ब्राउजर भी अब कुछ एडवांस हो चुके थे। तथा HTML के अधिकतर विशेषताओं को पढ सकते थे। यह HTML के इतिहास में एक बड़ा बदलाव था।
👉HTML 4.01
HTML का अगला संस्करण HTML 4.01 था जो HTML 4.0 का संशोधित संस्करण है। इसे W3C द्वारा 1999 में प्रकाशित किया गया था। आज लगभग वेबसाइट इसी संस्करण में बनी हुई है।
👉HTML 5
HTML का सबसे नवीनतम संस्करण HTML 5 है। इसमे HTML 4.01 कि विशेषताओं के अलावा XML कि विशेषताओं को भी जोडा गया है। यह संस्करण धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा है। और काफि लोकप्रिय हो चुका हैं।
HTML का उपयोग (Use HTML In Hindi)
HTML का मुख्य रूप से उपयोग Webpage या Web Document को बनाने के लिए किया जाता है।